गजल । शायरी।
क्यू चाहें तुम्हें मेरा दिल
हे कोई जवाब तुम्हारे पास
और क्यू। ना चाहें। हम तुम्हें
है कोई जवाब तुम्हारे पास
वो कोन सी अदा कर गई दीवाना हमें ना सैन से सोने देती हैं और नाही सैन से रहने देती है
है कोई जवाब तुम्हारे पास
क्या करे इस दिल का जो नहीं रह सकता तुम्हारे बिना
काश कोई लादे हमें वो खोया हुआ प्यार हमे
इस दिल की तड़प
है पता हमे की तुम रहलोगी हमारे बिना
पर एह सोसा की हम नही रह सकते तुम्हारे बिना
हर दिल की होती है यही तमन्ना के हो ना जुदा हम कभी
पर रब के आगे क्या सली है किसी की
दुवा में मागते है तुम्हे
ख्वाब में देख ते तुम्हे
करो दुवा की मिले हम दुबारा
करो कोसिस के मिले दुबारा
और करो कोसिया के रहे साथ दुबारा
कमी है आपकी कमी है आपकी
चाहत है आपकी
जरूरत आपकी
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